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शंख महिमा : शंख कितने प्रकार होते है ? शंख रखने के क्या फायदे है ?

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पुराणों के अनुसार शंख चन्द्रमा और सूर्य के समान ही देवतुल्य माना गया है। मान्यता है कि शंख के मध्यभाग में वरुण,…
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छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण मन्दिर - Shivrinarayan Mandir Chhattisgarh - यहीं पर माता शबरी ने प्रभु श्री राम को बेर खिलाया था

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माता शबरी का भक्ति साहित्य में अद्वितीय स्थान है। भक्त नाभादासरचित भक्तमाल में एक प्रसंग आता है, जिसमें भगवान् श्रीरामचन्द्रजी अपनी एक…
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श्रीगिरिराज परिक्रमा कैसे करें ? Shri Giriraj Parikrama में पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थान

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परम वन्दनीय श्रीगोलोकधाम में भगवान् श्रीकृष्ण ने अपनी आह्लादिनी शक्ति श्रीराधा के अद्भुत प्रेम से सन्तुष्ट होकर वरदानस्वरूप श्रीगिरिराज पर्वत का प्राकट्य…
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Kshatriyakund Tirth श्री क्षत्रियकुण्ड तीर्थ - जैन धर्मावलंबियों की आस्था का मुख्य केंद्र है क्षत्रिय कुंड जन्मस्थान

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महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान आदिनाथ की परंपरा में चौबीस वें तीर्थंकर हुए थे. इनका जीवन काल पांच सौ ग्यारह से…
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पौराणिक देवियाँ

भगवती श्रीवाराही देवी

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भगवान् विष्णु के दशावतारों में वराहावतार की स्वरूपभूता महाशक्ति ही भगवती वाराही हैं। इन्हें भगवती वार्त्ताली भी कहा जाता है। श्रीवाराही देवी …
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